=======================राष्ट्रीय संयुक्त मोर्चा के संयोजक गोपाल ऋषिकर भारती ने भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार द्वारा आए दिन विपक्षी नेताओं ,पत्रकारों,व्यापारियों और उद्योगपतियों पर अपनी सरकार द्वारा किए जा रहे जन विरोधी राष्ट्रविरोधी फैसलों के खिलाफ उठने वाली आवाजों को दबाने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसियों और अधिकारियों का गलत स्तेमाल कर देश के संवैधानिक लोकतंत्र की निर्मम हत्या करने की साजिश का हिस्सा बताया। आय से अधिक संपत्ति रखने पर और भ्रष्टाचार के खिलाफ एक निष्पक्ष कार्यवाही होना चाहिए यह सबको अच्छा लगता है किन्तु किन्तु विपक्ष के विधायकों को ई डी का भय पैदा करके उनकी सरकार गिराकर भाजपा की सरकार बनाने या जाती धर्म देखकर विरोधियों को ब्लैकमेल करना यह एक राज्य आतंकवाद जैसी खुली गुंडागर्दी ही माना जाएगा। हम सभी विपक्षी नेताओं,व्यापारियों और उद्योगपतियों से विनम्र अपील करना चाहते हैं कि ओ ई डी, सी बी आई से ना डरे और आवश्यकता से अधिक धन को राष्ट्रीय संयुक्त मोर्चा द्वारा असली आजादी के “संविधान आंदोलन” में खुलकर दान करें।
केंद्र की भाजपा सरकार से अब देश की जनता सवाल करना चाहते हैं कि जब भारत देश में कोरो ना संकट काल में देश की आम जनता के रोजगार समाप्त हो गए और करोड़ों लोग गरीबी रेखा से नीचे आ गए तब अडानी अंबानी जैसे पूंजीपतियों की संपत्ति किस आधार पर दुनिया के सबसे अमीर घरानों में सामिल हो गई..?जिस देश में 90 पूंजीपतियों के पास 90 हजार करोड़ रु से अधिक संपत्ति हो और 90 करोड़ लोगों को 90रू रोज भी ना मिलता हो तो भाजपा सरकार को आय से अधिक और कम संपत्ति क्यों नहीं दिखती..? इसीलिए राष्ट्रीय संयुक्त मोर्चा भारतीय संविधान के अनुच्छेद 38 के तहत नागरिकों की आय के संतुलन को बनाए रखने के लिए लगातार 100 करोड़ रु से अधिक संपत्ति का राष्ट्रीयकरण करने की मांग रहे हैं।भाजपा सरकार में जरा भी देशभक्ति और नैतिकता हो तो एक नियम के तहत सभी बड़े पूंजीपतियों और नेताओ के घरों में ई डी,और सी बी आई भेजे जिनके पास 100 करोड़ रुपयों से अधिक संपत्ति हो।