Sunday, December 22, 2024
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*अंधश्रद्धाळू भारत सरकार और प्रशासन का कडी से कडी शब्दो मे मैं प्रजासत्ताक दिन को दिखाये झांकियोके बरेमे निषेध व्यक्त करता हू*

भारतीय संविधान 26जनवरी 1950को लागू करके प्रजासत्ताक दीन हर साल मनाया जाता है प्रजासत्ताक का मतलब जनता के द्वारा चुने गये लोग संविधान के तहत देश की जनता की सुविधा पुरी करके देश्र्वासियोका और देश का हर क्षेत्र मे विकास करे लेकीन 26जनवरी2023को भारत सरकारने सारी सनातन वैदिक निराधार काल्पनिक काहानियोके आधारपर हर राज्य की झाकिया दुनियाको दिखाकर अपने अज्ञांनपन का प्रीच्या दूनीयाको डेकर भरतका मूळ श्रमनसंस्कृतिको छुपाकर बकवास बतोका प्रदर्शन किया जिस बातोका प्रजासत्ताक कार्यप्रणाली से और भारत की मूळ इतिहास से कोई मतलब ही नहीं है अंधश्रद्धाळू देवी देवता की झांकियो का राष्ट्र निर्माण ऐर प्रजासत्ताक शब्दसे कोई मतलब ही नहीं है कृषिप्रधान संस्कृती संविधान के निर्माता का कोई उल्लेख उन झांकियोमे नहीं दिखाया गया बहुजन हिताय बहुजन सुखाय धम्मचक्र प्रवर्तनाय का कोई मतलब ही दीखाया नहीं गया हर राज्य के देवी देवता के पूजन और नृत्य दीखाये गये ऊस बातोका भारतीय संविधान से कोई मतलब ही नहीं है महाराष्ट्र के राज्यपाल कोषारी काली टोपी पहंनकर अगर सरकार मे बैठकर प्रशासन पैसा लुटता है तो वो संविधान और भारत की सभ्यता शासन प्रशासन की अवमांनना है काले झेंडे या काला रंग निषेध के लिये दिखाये जाते है पुरा कार्यकाल कोषारीने काली टोपी पहैनकर प्रशासन पगार लिया तो वो लोकशाही प्रजातंत्र का अवमान और निषेध किया है उसपर देशद्रोही करार देके जितना अभीतक पगार उसकी सब सुविधापर खर्चा किया गया सब वसूल करना चाहिए काईभी धर्म संप्रदाय पंथ वंश ये निजी व्यक्तिगत अधिकार का इस्टमाल शासन प्रशासन मे नहीं करना च्याहीये ये संविधान के खीलाग है देशकी तोहिन है अवमान है
अंधश्रद्धा की झाकिया देवी देवता की पूजा ये किसी एक धर्म की मान्यता व्यक्तिगत है उसे कोई विरोध नहीं के सकते लेकीन जंहा राष्ट्रीय शासन प्रशासन की बात है वंहा इन काल्पनिक निराधार कतथा कहनियोका प्रदर्शन करना ये संविधान की अवमानना और कानुनन गुनाह है शासकीय प्रशासकीय कार्यालये देवीदेवताकी तस्वीर लगाना काणूनन गुनाह है संविधान मे ये मान्यता नहीं है जिस महापुरुष डॉ बाबासाहेब आंबेडकर जी ने भारत को काणून संविधान दिया और जीन भारतीय नेतावोने आझादिके बाद संविधान सभा मे उसे मान्यता डी वो चित्रीत झाकी नहीं दिखाई गयी श्रमिक किसान मजदुर पसिना बहाकर देश की रिझर्व बँक ट्याक्स देकर सरकारकी तिजोरी कायम रखते वो दिखाना जरुरी हैं देश किस तरह तरक्की की दिशा मे विकास कर रहा ये जरुरी हैं लेकीन ये सब भुलकर सरकार ने जो अज्ञानी बुध्दी अंधश्रध्दा की झांकिया हर राज्य की दिखाकर दूनियमे अपने बुझ्दीलिका परिचय दिया ये देशका अवमान है
महिला सशक्तीकरण महिला विकास की सिर्फ बात करते है रोज महीला पर बलात्कार खून होते पोलीस प्रशासन तप्तीश ठीक ढंगसे करती नहीं लापरवाई करते कुच्छ पोलीस पोलीस स्टेशंनमे रिपोर्ट नहीं लिखवा ते नियत खराब करके महीलापर बलात्कार करते हाथ रस उंनाव बिल्कीस बानो के उदाहरण जाहीर है ब्राम्हण थे इस्लिये खुनी हत्यारे बलात्कारी जेलसे मुक्त कर दिये ये कोणसा महिला सबलीकरण सशक्तीकरण है महिला किसे न्याय मंगे अगर शासणप्रशासणके अधिकारी पदाधिकारी खुद बलात्कारी खुनी हो तो न्यायव्यवस्था पर क्या भरोसा करे और गुनाहगा र जाती धर्म के नामपर बरी कर देते ये बुझ्दीली, बेवकुफी बेतुकी नीच निती की शासणप्रशासन प्रणाली है संविधान और देश का अवमान है भारत मे जोभी इंसान है वो इन्सानियतकी कसोटी पर इस बातपर गहिराईसे विचार करे और ऐसे शासन प्रशासन मे बैठे पदाधिकारी अधिकारी योंका निषेध करे जो नियमोको तोडकर अपणी मनमर्जी कारोबार करते सारे राजकारणी आमदार खासदार की पेन्शन बंद करके शिक्षामे और किसान मजदुर बेघर बेरोजगारी पर खर्चा करना चाहिए हर राजकारणी आय्यासी मे जिथे और किसान मजदुर देश के सैनिक परिवार बेहाल हिकर खुदखुशी करके जान देते आत्महत्या करके अपना जीवन बरबाद करते भारत के संविधान के निर्माता डॉ बाबासाहेब आंबेडकर कहैकर गये जिस देश के सत्ता मे वैठे लोग जनता के प्रति नालायक अप्रामनिक हो तो ऊस देश का संविधान नालायक साबित होगा वही आज भारतमे हो रहा है मैं इस शासन प्रशासन की कडी से कडी तीव्र शबदो मे अभिव्यक्ती की अधिकार से निषेध करता हुं जय संविधान जय भारत जयभीम
अनिरुद्ध शेवाळे प्रतिभावंत प्रबोधनकार कला साहित्य संघ परिवार राष्ट्रीय प्रबोधनकार संस्थापक अध्यक्ष कवी गायक संगीतकार सिने नाट्य अभिनेता नागपूर महाराष्ट्र जय प्रबुद्ध भारत

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