दुर्ग: आज दिनांक 12 जुलाई 2023 को दि बुध्दिस्ट सोसायटी आफ इंडिया भारतीय बौद्ध महासभा के ट्रस्टी आयुष्मान यस आर कानडे जिला अध्यक्ष सीके डोंगरे उपाध्यक्ष एसएल देवदास कोषाध्यक्ष बीएल गोडबोले ने समान नागरिक संहिता लागू करने के विरोध में माननीय ध्रुव साहब डिप्टी कलेक्टर दुर्ग को ज्ञापन सौंपा गया। उन्होंने बताया कि हमारा देश धर्मनिरपेक्ष हैं हमारा संविधान भारत को संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न लोकतंत्रात्मक गणराज्य है। यहां अलग-अलग धर्म के माने वाले लोग निवास करते हैं सबकी धार्मिक एवं सामाजिक रीति-रिवाज अलग-अलग है रहन सहन खान पान सभी अलग-अलग है हमारे देश में कई प्रकार के भाषा भाषी बोलने वाले वाले लोग रहते हैं हमारा देश विविधताओं का देश है
विविधता में एकता यही हमारी देश की विशेषता है। हम सभी भारतीय है। ऐसे में किसी एक मजहब को टारगेट में रखकर और यहां के मूल निवासियों को भूल भूलैया मैं फंसा कर समान नागरिक संहिता लागू करना अभी उचित समय नहीं है सबसे पहले हमारे देश में वर्ण व्यवस्था ऊंच-नीच छुआछूत जाति प्रथा को समाप्त करें भारत एक ऐसा देश है जहां जात पात ऊंच-नीच और छुआछूत आज भी समाप्त नहीं हुआ है जबकि सविधान में इसकी कोईजगह नहीं है।
केंद्र सरकार सबका ध्यान भटकाना चाहती है अभी सरकार को बेरोजगारी महंगाई के ऊपर ध्यान देना चाहिए हमारे नौजवान साथी पढ़ने-लिखने के बाद भी उनको रोजगार नहीं है अभी भी हमारे देश में 84 करोड लोगों को मुक्त में अनाज बाटा जा रहा है।
जिस दिन 84करोड लोग मुफ्त अनाज के बदले नगद खरीद कर खाएंगे उस दिन ये लोग आत्म निर्भर बन जाएंगे आत्म निर्भर बनाने के लिए 84 करोड़ लोगों को कहीं न कही रोजगार उपलब्ध करना पड़ेगा।
इसकी लिए सरकार को सोचना चाहिए समान नागरिक संहिता लागू करने से देश की गरीबी दूर नहीं हो पाएगी।