मोदी देश का हितचिंतक नही, देश का लुटेरा है यह बात आपको गहराई से समझने की जरूरत है। केवल अपने झूठ और जुमलों के बल पर आम जनता को झूठी आशाएं देकर, उलझाकर गद्दी से चिपका हुआ है। प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी से परे इधर से इधर उछल कूद जारी है।
मनुवाद जो सिर्फ नफरत फैलाता है,का कट्टर समर्थक है नरेंद्र मोदी, फिर मानवता की उम्मीद कैसे संभव है।
मणिपुर में इतना कुछ हुआ तो भारत में आज तक नहीं हुआ था। स्वार्थ इतना अहम है उनके लिए कि भारत माता की संताने या खुद भारत माता उनके लिए मायने नहीं रखती है। मौका मिलते ही उनकी इज्जत आबरू के साथ खेलता हुआ निकल जाता है। सोचो, उन असहाय लड़कियों की जगह मोदी की मां होती तो क्या मोदी यही करता। हाथ पर हाथ धरे बैठा रहता? कदापि नहीं, अब तक तो बहुत कुछ हो चुका होता।
*मणिपुर की असली सच्चाई यह है कि यह कोई हिंदू मुस्लिम का सांप्रदायिक हिंसा नही है। मणिपुर में जातीय हिंसा का कारण आरक्षण दिखाया जा रहा है जो पूरी तरह झूठ है। आरक्षण सिर्फ एक बहाना है। मणिपुर के पहाड़ों और जंगलों में कई बेसकीमती खनिज भंडार है जो दुनिया में बहुत मुश्किल से मिलते है। पहाड़ों में धारा 371 लागू है यानी गैर आदिवासी वहां जमीन नही ले सकते हैं, नही खरीद सकते है।*
*इन्ही खनिज भंडारों पर मोदी और उनके व्यापारी मित्रों अडानी और अंबानी की नजर लगी हुई है। वहां खनिज के दोहन में आदिवासी उनके लिए सबसे बड़ी बाधा हैं। इसीलिए जातीय हिंसा प्रायोजित की गई जिससे आदिवासी अपना जंगल छोड़कर भाग जाएं। मोदी अपनी इस अमानवीय चाल में सफल होते दिख रही है क्युकी आदिवासी डर के मारे जंगल छोड़कर भाग रहे हैं। काफी इलाका खाली भी हो चुका है यही कारण है कि मोदी सरकार चुप है। हाथ पर हाथ धरे बैठी मजा ले रही है। और आगे चुनाव के लिए पैसे की भी व्यवस्था अडानी अंबानी से लेना है। देश नही बेचेगा तो अडानी अंबानी पैसा उन्हे क्यों देगा। व्यापारी कभी एक रूपये भी नही छोड़ता है।*
जो कुछ भी है, राष्ट्र को बचाना हर भारतीय का कार्य मूल कर्तव्य है और धर्म भी।
*अधर्मी मोदी की हार निश्चित है।*
आर. पी. मौर्य
चीफ बीआरपी
8076615402