प्रतिनिधी रेणुका गायकवाड – महाले
नाशिक, महाराष्ट्र.
अप्पर कलेक्टर, उपविभागीय अधिकारी, तहसीलदार, माध्यमिक रजिस्ट्रार, सर्कल अधिकारी, तलाथी सहित 6 अधिकारियों सहित 32 लोगों पर अंततः मामला दर्ज किया गया।
अब तक यह सुनने में आता था कि पूरे महाराष्ट्र में भू-माफियाओं और भ्रष्ट अधिकारियों के गिरोह हैं जो फर्जी दस्तावेज बनाकर मंदिरों, धर्मस्थलों और मस्जिदों की बेशकीमती जमीनों को बेच देते हैं लेकिन अब हाल ही में अहमदनगर में एक बड़ा मामला सामने आया है जिसने पूरे महाराष्ट्र में सनसनी फैला दी है।
2006 में यह पता चला कि अहमदनगर में एक मंदिर की बेशकीमती जमीन के फर्जी दस्तावेज तैयार किए गए थे और इस फर्जीवाड़े को अंजाम देने के लिए 6 अधिकारियों सहित 32 लोगों को रिश्वत दी गई थी।
अहमदनगर एसीबी डिवीजन के उपाधीक्षक श्री प्रवीण लोखंडे की शिकायत पर संबंधित के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
मामले की संक्षिप्त जानकारी इस प्रकार है कि 3-1-2006 से 6-1-2006 तक मौजे वडगांव गुप्ता शिवर के समूह क्रमांक 203 रकबा 2 हेक्टेयर, 97 आर. पॉट कल्ला 0.09 आर. समूह क्रमांक 205 कुल क्षेत्रफल 1 हेक्टेयर 34आर न्यूनतम महार वतन हदोला इनाम वर्ग 6बी भूमि पुरानी शर्तों पर है और तत्कालीन तहसीलदार अहमदनगर ने अवैध अनुमति दी है। 1) लोक सेवक तहसीलदार एल. एन। पाटिल का आदेश 2) लोक सेवक एल. एस। रोहकाले, तत्कालीन तलाथी सजा गांवगुप्ता 3) लोकसेवक दुर्गे, तत्कालीन मंडल अधिकारी, नालेगांव ने खरीद और बिक्री के अवैध लेनदेन के रिकॉर्ड लेकर निजी इसाम उत्कर्ष पाटिल और अजीत लुकाड की मदद की है। इसके अलावा लोक सेवक 4) लोक सेवक तत्कालीन अतिरिक्त कलेक्टर अहमदनगर वी. टी। तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी नगर भाग राजेंद्र मुठे को यह जानकारी होने पर भी कि उक्त आदेश अवैध है, ऐसा प्रतीत होता है कि उन्होंने बिना कोई कार्रवाई किये अवैध लेनदेन में भाग लेकर उक्त लेनदेन को बढ़ावा दिया है। 6) लोक सेवक दिलीप बबन निराली, तत्कालीन संयुक्त उप-रजिस्ट्रार, अहमदनगर -2 ने अवैध रूप से बिक्री और खरीद विलेख दर्ज किया है। नामुद भूमि के भी कब्जेधारी दिनकर आनंद शिंदे, विनायक शंकर शिंदे, बाबू आनंदराव शिंदे, मोहन आनंदराव शिंदे, वामन किसन शिंदे, यादव किसन शिंदे, सदाशिव केशव शिंदे, रामभाऊ केशव शिंदे, सुनील केशव शिंदे, यादव केशव शिंदे, श्रीमती मालनबाई केशव शिंदे, श्रीमती लता , श्री बकरे, अरुण दगडू शिंदे, शालनबाई दगडू शिंदे, लक्ष्मण रामचंद्र शिंदे, मथुरा विष्णु शिंदे, संदीप विष्णु शिंदे, सुनीता रतन गायकवाड़, नंदा शाम घाटविसावे, शालूबाई शाहुराव प्रभुणे, मछिंद्र आनंदव शिंदे, लीलाबाई चंद्रभान पाडले, शोभाधिराम ठाकुर, वत्सलाबाई तुकाराम पचराणे, सुशीला शांतावन घटविसावे तुलसाबाई मारुति नरवाडे, चबूबाई भिवाजी साल्वे, इंद्रायणी विट्ठल जाधव, वत्सला वामन जाधव, कौशल्या दामू जगताप के जनरल मुख्तार उत्कर्ष सुरेश पाटिल, रे. श्रमिक नगर आनंदऋषिजी मार्ग अहमदनगर और भूमि खरीददार अजीत कचरूदास लुक्कड, निवासी। आनंद दर्शन अपार्टमेंट, मार्केट यार्ड, अहमदनगर, यह जानते हुए कि उक्त भूमि महार वतन इनाम वर्ग 6 बी भूमि है, लेकिन उसने उपर नमुद तहसीलदार को पुराने नियमों और शर्तों पर उक्त भूमि की अनुमति देने में मदद की, झूठे दस्तावेज बनाकर, उक्त भूमि की खरीद और बिक्री लेनदेन करके, 7/12 पर विलेख पंजीकृत करके और परिवर्तन दर्ज करके और विलेख बनाकर, उसने सरकार को धोखा दिया है। इस से सम्बन्धित इस संबंध में एम.आई.डी.सी. 13(1)(डी) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 13(2) के साथ पो.सेंट., जिला अहमदनगर में। दिनांक 19/07/2023 को K.167 420 109 के अनुसार मामला दर्ज किया गया है। उक्त अपराध की आगे की जांच पुलिस उपाधीक्षक श्री प्रवीण लोखंडे, भ्रष्टाचार निरोधक विभाग, अहमदनगर द्वारा की जा रही है।
महाराष्ट्र के कई कोनों में स्थानीय भू-माफियाओं और भ्रष्ट अधिकारियों-नेताओं के जरिए सरकार को धोखा देकर धर्मस्थलों, वफ्फ बोर्ड और मंदिरों की बेशकीमती जमीनों की खरीद-फरोख्त लगातार हो रही है, लेकिन ऐसे फर्जी खरीद-फरोख्त के मामले में पहली बार उनके खिलाफ मामला दर्ज हुआ है और कई लोग भाग गए हैं.
ये कारवाई
श्रीमती शर्मिष्ठा घरगे वालावलकर , पुलिस अधीक्षक, एसीबी विभाग, नासिक क्षेत्र, श्री माधव रेड्डी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, नासिक क्षेत्र, और श्री नरेंद्र पवार, पुलिस उपाधीक्षक, भ्रष्टाचार निरोधक प्रभाग, नासिक क्षेत्र, नासिक के पुलिस उपाधीक्षक, अहमदनगर श्री के मार्गदर्शन में। प्रवीण लोखंडे, पुलिस निरीक्षक श्री. राजू अलहाट, पोहेको संतोष शिंदे, पोकाओ रवींद्र निमसे, पोना विजय की टीम ने किया है। सरकार। महाराष्ट्र मे पिछले दस साल मे इनामी जमीन घोटालोका बडा स्कँडल चल रहा है , कुछ भ्रष्ट अधिकारी व राजनेता की वजह से हिंदु देवस्थान की, मुस्लिम वफ्फ बोर्ड की ,महार वतनो की तथा सरकार की तरफ से इनामी दी गई जमीन को भी झुटे और नकली कागजात बनाके सरेआम बेचा जा रहा है, भ्रष्टाचार मुक्त महाराष्ट्र की पहल करने वाले बीजेपी के अधिकतर नेताओ पर ही ये जमिन हडप आरोप लगते आया है, बहुत से एमएलए और एम पी ओ पर गुन्हा दाखिल हो चुके है, और बाकी छानविन चल रही हैं,लेकिन क्या समाज को, सरकार को, और कायदे को ऐसे धोके देकर भगवान की जमीन हडपने वालो को सजा मिलेगी ?
क्या हमारी सरकार नींद मे है या नींद मे होने का नाटक कर रही है?
जनता को तो बरबाद किया लेकिन भगवान को भी नहीं छोडा इन लोगोने.
इस जमीन हडपने के मामले मे अभी तक सरकारी अधिकारी, कर्मचारी एम एल ए, एम पी ,बडे बिल्डर और कागज बनाने वाले एजंट का समावेश है शायद इसलिये बहुत से प्रकरण छानविन के दोरान हि दबा दिये जाते है और जो कोर्ट तक पोहोचते है उनको दस दस साल न्याय नही मिलता और इन सालो मे आरोपी उन जमिनी का बहुत अच्छी तरीके से उपभोग बी लेते है और उसके जरीये पैसा भी कमाते है …
क्या इन जमीनोको सुरक्षित करने के लिए भी कोई ठोस कायदा देश मे आना चाहिये ? इन गंभीर प्रश्न पे जनता अपनी राय जरूर दे.