भिलाई हुडको ___भाद्र पूर्णिमा के अवसर पर दिबुद्धिस्ट सोसाइटी ऑफ इंडिया शाखा भिलाई हुडको के बौद्ध उपासक /उपासिकाओ के द्वारा सर्वप्रथम शाक्य मुनि तथागत गौतम बुद्ध की प्रतिमा पुष्प अर्पित कर तथा भारत रत्न बोधिसत्व डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के छायाचित्र माल्या अर्पण कर दीप प्रज्वलित किया गया तथा सामूहिक त्रिशरण, पंचशील बुद्ध वंदना का सामूहिक पाठ किया गया। इस अवसर पर महिला सशक्तिकरण संघ की अध्यक्ष प्रज्ञा बौद्ध के द्वारा भाद्र पूर्णिमा का बौद्ध इतिहास में क्या महत्व है इसके बारे में उन्होंने अपने संबोधन में बताया की भाद्रपूर्णिमा के अवसर पर ही महा प्रजापति गौतमी के साथ जिन शाक्य देवियों ने प्रवज्या ग्रहण की अर्थात भिक्षुणीया बनी उसमें यशोधरा भी थी भिक्षुणी होने के पर उनका नाम भद्दा कंचाना या भद्रा कात्यायना हुआ। इनके साथ 500 भिक्षणियों को तथागत के ही एक शिष्य नंदन ने धम्म और विनय की शिक्षा दी। अवसर पर दिबुद्धिस्ट सोसाइटी ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय ट्रस्टी एसआर कानडे , राजन पाटील शैलेंद्र भगत वी एन,
मराठे , जना मराठे , प्रज्ञा मराठे सविता पाटिल , बिंदु वैद्य, ज्योत्सना , राजीव रामटेके, अमृता गणवीर धमगाए इत्यादि
उपस्थित अंत में लगभग 500 लोगों को खीर वितरण किया गया।