राष्ट्रीय संयुक्त मोर्चा भारत के घटक संगठन मूलनिवासी मुक्ति मोर्चा कार्यालय प्रांगण में भारतीय संविधान सुरक्षा अभियान के तहत स्वतंत्रता संग्राम के क्रांतिकारी शहीद भगतसिंह की पावन जयंती का आयोजन दिनांक 28/09/2023 को किया गया ।कार्यक्रम में मुख्य रूप से मूलनिवासी मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष गोपाल ऋषिकर भारती,केंद्रीय सचिव आदिवासी विभाग मिरासिंह पोर्ते,प्रदेश सचिव घनाराम साहू,कोरबा विधान सभा की प्रस्तावित प्रत्याशी श्रीमती गीता साहू,जिला संयोजक क्रांति कुमार साव,संभागीय संगठन सचिव निर्मलचंद्र कसार, बालको अध्यक्ष प्यारेदास महंत,उपाध्यक्ष रूपा महिलांगे,बालको महिला अध्यक्ष रीमा नवरंगे,परसाभांठा अध्यक्ष गायत्री साहू,कोरबा शहर सचिव मीरा देवी प्रसाद, बालको महिला महासचिव शीतला साहू,विमला सारथी,फूलबाई भारद्वाज एवं रामशिला ने उपस्थित होकर अपने विचार रखे।कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कोरबा विधान सभा से राष्ट्रीय संयुक्त मोर्चा भारत की प्रस्तावित प्रत्याशी श्रीमती गीता साहू ने कहा कि शाहिद भगतसिंह जैसे योद्धाओं की कुर्बानी के कारण भारत देश को अंग्रेजों से आजादी तो मिल गई किंतु भाजपा की मोदी सरकार द्वारा समाज में लगातार बढ़ती गरीबी, बेरोजगारी,महंगाई,जातिवाद और भ्रष्टाचार के कारण फिर से देश की आजादी खतरे में आ चुकी है।भारत की आधी शक्ति महिलाओं को चुनाव के समय 33% आरक्षण का बिल तो पास करवा दिए किंतु उसमे ओ बी सी की महिलाओं को आरक्षण ना मिलना और 2029 में भी लागू होने की अनिश्चितता भारत की सभी महिलाओं के साथ भाजपा सरकार की धोखाधड़ी ही माना जाएगा।इसलिए देश के सर्वसमाज की हिस्सेदारी उनकी जनसंख्यानुसार मिलना ही चाहिए इसके लिए हम सब राष्ट्रीय संयुक्त मोर्चा भारत के साथ भारत राष्ट्र नवनिर्माण आंदोलन के साथ जुड़कर काम कर रहे हैं।मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष गोपाल ऋषिकर भारती ने कहा कि भारत देश के महान क्रांतिकारी शहीद भगतसिंह ने अपनी भरी नौजवानी में अंग्रेजों से आजादी दिलाने शहादत दिए थे किन्तु केंद्र में भाजपा की मोदी सरकार जातिवादी पूंजीवादी ताकतों के इशारे पर भारत देश की बहुसंख्य मेहनतकश जनता को खंडित हिन्दू राष्ट्रवाद के नाम पर फिर से गुलाम और लाचार बनाने पर आमादा हो चुके हैं।शाहिद भगत सिंह जयंती की सार्थकता तभी सिद्ध होगी जब हम सब मिलकर भारत देश से जातियपुंजीवाद को जड़ से समाप्त कर देश के प्रत्येक व्यक्ति को इज्जत और आजादी के साथ जीने के अधिकार दिलाने का संकल्प लें।