Sunday, December 22, 2024
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बसम की ओर से सभी समतावादी, लोकतांत्रिक, न्यायशील वा प्रबुद्ध समाज और संस्थाओं से अपिल.

प्रतिनिधी मूकनायक 16 जनवरी 2024 नई दिल्ली।
बहुजन समाजवादी मंच (बसम) ने देश के मौजूदा हालात पर गहरी चिंता जाहिर की है। एक संवाददाता सम्मेलन कर उसके नेताओं ने कहा है कि लोगों की आर्थिक हालत
बेहद दयनीय हो गयी है। अमीर और अमीर होता जा रहा है जबकि गरीब और गरीब इसके साथ ही सामाजिक उत्पीड़न की
घटनाओं में बेतहाशा बढ़ोत्तरी हुई है। लेकिन केंद्र की मोदी सरकार है कि उसे राम मंदिर
बनवाने से फुर्सत नहीं है और वह अपनी नकली उपलब्धियों का ढिंढोरा पीट रही है। नेताओं ने कहा कि बीजेपी अच्छे दिन का झांसा देकर सत्ता पर काबिज हो गयी। लेकिन पिछले दस सालों में इसने देश को रसातल में पहुंचा दिया है। असमानता की खाई दिन दूगनी, रात चौगुनी के हिसाब से बढ़ रही है। देश के
संसाधनों पर दो-चार पूंजीपतियों का कब्ज़ा हो
गया है। बेरोजगारी अपने 75 सालों का रिकॉर्ड तोड़ रही है। शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं का धड़ल्ले से निजीकरण किया जा रहा है।
इन सब का सबसे ज्यादा असर बहुजनो पर पड़ रहा है। वंचित वर्गों से आरक्षण की सुविधा छीनी जा रही है। यही कारण है की ये सरकार जाति के आधार पर जनगणना नहीं करना चाहती है। मेहनतकश पर सीधा प्रहार किया जा रहा है। लेबर कानूनों में संशोधन किया जा रहा है, हर क्षेत्र में ठेकेदारी प्रथा लाई जा रही है। न्यूनतम मजदूरी के कानून का खुलेआम उलंघन हो रहा है और नियमित नौकरियां अब मिलती ही नहीं है।
समाज में द्वेष फैलाने के लिए हिंदुत्व को भारतीयता का पर्याय बनाया जा रहा है। तथागत बुद्ध के देश में विवेक की जगह द्वेष, संयम की
जगह उन्माद और उदारता की जगह संकीर्णता को सत्तारूड़ शक्तियां बढावा दे रही है। वैज्ञानिक शिक्षा पद्धति पर योजनाबद्ध तरीके से प्रहार हो रहा है। तथागत बुद्ध के शांति और इंसानियत के उपदेश के विरुद्ध धार्मिक कट्टरता, प्रिथिकतावाद और अलग-अलग समुदायों में टकराव की स्थिति पैदा की जा रही है। नई शिक्षा नीति के जरिए ये सरकार मौलिकता, जिज्ञासा और विवाधता पर आधारित शिक्षा को खत्म कर आने वाले पीढ़ियों में उन्मादी मानसिकता फैलाना चाहते है।
ऐसे विकट स्थिति में हम तथागत बुद्ध के उपदेशों को याद करना होगा और तथागत के पंचशील के सिद्धांतों का स्मरण समाज को करना होगा।
पंचशील निम्नवत है:
1. पाणातिपाता वेरमणी सिक्खापदं समादी यामि । (हिंसा न करना)
2. अदिन्नदाना वेरमणी सिक्खापदं समादी यामि । (चोरी न करना)
3. कामेसुमिच्छाचारा वैरमणी- सिक्खापदं समादी यामि ॥ (व्यभिचार न करना)
4. मुसावादा वेरमणी- सिक्खापदं समादी यामि।। (झूठ न बोलना)
5. सुरा-मेरय-मज्ज-पमादठ्ठाना वेरमणी- सिक्खापदं समादी यामि ॥ (नशा न करना)

हम हर घर पंचशील “हर गांव पंचशील” मुहीम के माध्यम से सभी मानवता में विश्वास रखने वाले व्यक्ति व संगठन से आग्रह करना चाहते है, वह अपने-अपने घर, अपने-अपने गांव में पंचशील लगाए जिससे समाज में सौहाद्र, एकता व खुशाली का संदेश जाए।
हमें पूरा-पूरा यकीन है, हम सब मानवता को बचाने की इस लड़ाई को मिलकर लड़ेंगे और जरूर कामयाब होंगे ! ऐसा प्रेसमे उपस्थित बहुजन समाजवादी मंच (बसम) के नेताओंने कहां उसवक्त बसम के सभी कार्यकर्ता उपस्थित थे ।

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