Sunday, December 22, 2024
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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर विकलांग एवं बुजुर्ग महिलाओं का सम्मान किया गया

कुर्सीपार जोन२भिलाई‌ 13 मार्च 2024 गणेश मैदान में कविता पब्लिक वेलफेयर फाउंडेशन द्वारा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित शमशाद बेगम और विशिष्ट अतिथि के रूप में महिला सशक्तिकरण की प्रदेश अध्यक्ष प्रज्ञा बौद्ध उपस्थिति रही सर्वप्रथम कार्यक्रम की कार्यक्रम का आरंभ भारत माता के छायाचित्र पर तथा भारतीय संविधान के शिल्पकार भारत रत्न डॉक्टर बी आर अंबेडकर के छाया चित्रों पर माल्या अर्पण कर दीप प्रज्वलित किया गया। विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित आयुष्मति प्रज्ञा बौद्ध ने सभा को संबोधित करते हुए कहा की संविधान में बाबा साहब ने जो महिलाओं को पुरुषों के बराबर सामाजिक आर्थिक और राजनीतिक न्याय विचार अभिव्यक्ति विश्वास धर्म और उपासना की स्वतंत्रता प्रतिष्ठा और अवसर की समानता प्राप्त करने के लिए जो संवैधानिक अधिकार दिए हैं उनकी वजह से ही महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों से कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही है आज प्रत्येक महिला को हमारे भारतीय संविधान को पढ़कर अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होने की आवश्यकता है जिससे वह अपने अधिकारों को प्राप्त कर सकती हैं। आज भी हमारे देश में महिलाओं के प्रति भेदभाव किया जाता है। ग्रामीण महिलाओं को संवैधानिक अधिकारों के बारे में जागृत करना हम सब महिलाओं का काम है। आयुष्मति निर्मला गजभिए मैडम ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की की शुरुआत कहां से हुई इसके बारे में उन्होंने बताया की 1908 में न्यूयॉर्क जर्मनी स्वीटजरलैंड फ्रांस इत्यादि देशों के 15000 मजदूर महिलाएं अपने अधिकारों के लिए सड़कों पर उतरी और उन्होंने आंदोलन किया और इस आंदोलन को सफल बनाया यही से अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का उदय हुआ और आज इसका यहां पर हम बैठे हुए हैं इसका ताजा उदाहरण है। मुख्य अतिथि की आसंदी से बोलते हुए शमशाद बेगम मैडम ने बताया‌ भारतीय संविधान के शिल्पकार बाबा साहब अंबेडकर ने जो अधिकार संविधान में हमको दिए हैं उसी के परिणाम स्वरूप आज भारत की सारी महिलाएं हर क्षेत्र में कार्य कर रही है और अनुशासित रहकर अपने कार्यों को आगे बढ़ा रही है बावजूद आज भी हम देखते हैं हमारे देश में छोटी-छोटी बच्चियों के साथ अमानवीय अत्याचार हो रहे हैं कम होने के बदले बढ़ते ही जा रहे हैं यह हमारे लिए यह चिंता का विषय है हम अपने बेटियों को बहुत संस्कार बताते हैं वही संस्कार हमें अपने बेटों को भी बताना चाहिए। हर माता की यह जवाबदारी बढ़ जाती है कि हम अपने बच्चों को अच्छे संस्कार दें समाज में लड़के और लड़कियां बराबर हैं हमें अपनी सोच को बदलने की आवश्यकता है उन्होंने अपने एक सुंदर गीत के उद्बोधन से लोगों को संदेश दिया। इस अवसर पर अन्य वक्ताओं ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किया कार्यक्रम की अध्यक्षता पब्लिक वेलफेयर फाउंडेशन की अध्यक्ष कविता रंगारे ने किया तथा कार्यक्रम का संचालन प्रतिमा गेडाम ने किया। इस अवसर पर संस्था की अध्यक्ष के द्वारा विकलांग महिलाओं एवं बुजुर्ग महिलाओं का बुके और टिफिन देकर स्वागत किया गया। उक्त कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शमशाद बेगम विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रज्ञा बौद्ध अनामिका रंगारी प्रमिला मानिकपुरी उषा मानिकपुरी स्वाति माथुरकर महिला सशक्तिकरण की प्रदेश कोषाध्यक्ष रंजना वालवानदरे‌ शोभा जमुलकर निर्मला गजभिए पुष्प लता भोयर नूतन पखाड़े एवं जोन२ भिलाई की सारी महिलाएं उपस्थिति रही अंत में कविता रंगारी ने आभार व्यक्त की।

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