मूकनायक प्रतिनिधी : अमर दत्तराव कानडे
वाशिम :
शिवराय का पुरुषार्थवाद विश्व प्रसिद्ध है और वियतनाम, जापान, अमेरिका जैसे वैज्ञानिक देशों ने उनके प्रयासवादी दृष्टिकोण को अपनाया है और महाराष्ट्र में उनके कार्य को नकार कर शिवराय का देवीकरण करना वास्तविक इतिहास को विकृत करने और शिवराय को बदनाम करने का एक तरीका है। राम राव सरनाईक कॉलेज ऑफ सोशल वर्क में बोलते हुए कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रोफेसर किशोर सर ने की और स्नेहदीप भैया सरनाईक मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। जिन महान लोगों ने मानव जाति के कल्याण के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी, उनके बारे में उन्होंने कभी नहीं सोचा था उन्होंने स्वयं और समाज के बारे में सोचा, आज यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद बात है कि समाज उन्हें अलग-अलग जाति, धर्म, मजहब में बांटने का काम कर रहा है, उन्होंने समाज के सभी तत्वों को साथ लेकर काम किया। समाज के कमजोर वर्गों को सक्षम बनाया, उन्होंने समाज की अवांछनीय रीति-रिवाजों और परंपराओं पर प्रहार किया, बहुजनों का विकास किया और आज हम जो भी मनुष्य के रूप में जानते हैं वह इस महान व्यक्ति के कारण ही है। गोपाल भिसडे ने कहा, छत्रपति शिवराय की भूमिका है आने वाली हजारों पीढ़ियों के लिए आदर्श। किशोर वाहने सर ने व्यक्त किये तो कार्यक्रम के संयोजक प्रो. बार्ड सर ने प्रोफ़ेसर को धन्यवाद ज्ञापन दिया । आयोजित कार्यक्रम में गजानन हिवसे सर, समस्त शिक्षण स्टाफ, विद्यार्थीगण बड़ी संख्या में उपस्थित रहे, व्याख्यानमाला का समापन शिव गर्जना के साथ हुआ।