Sunday, December 22, 2024
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संविधान के शिल्पकार ही नहीं जननायक थे विश्वरत्न डॉ बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर


कसारीडीहि दुर्ग 17 अप्रैल 2024 को डॉ बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर की 133वी दि बुद्धिस्ट सोसाइटी ऑफ़ इंडिया जिला शाखा दुर्ग के द्वारा बड़े हर्ष उल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि आयुष्मान एस आर कानडे‌ बौद्ध राष्ट्रीय ट्रस्टी दि बुद्धिस्ट सोसाइटी ऑफ़ इंडिया एवं विशिष्ट अतिथि यो‌के द्वारा सर्वप्रथम सम्यक समबुद्ध शाक्य मुनि महाकारुणिक तथागत गौतम बुद्ध एवं विश्व रत्न बोधिसत्व डॉ बाबासाहेब अंबेडकर की छायाचित्रों पर पुष्प अर्पण एवं माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलित किया गया। तत्पश्चात सामूहिक रूप से त्रिशरण पंचशील एवं बुद्ध वंदना का सामूहिक पाठ किया गया। इस अवसर पर उपस्थित बौद्ध उपासक और उपासिकाओं के द्वारा उपस्थित अतिथियों का गुलदस्ता‌ एवं पंचशील का दुपट्टा तथा पंचशील का बैज लगाकर स्वागत सत्कार किया गया। सभागार में उपस्थित बौद्ध उपासक उपासिकाओं एवं आमंत्रित निमंत्रण आम नागरिक भाई बहनों को विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित के एन कानडे‌ संचालक अपेक्स बैंक रायपुर ‌आयु रंजना‌वाल बान्दरे‌ भारतीय बौद्ध महासभा के केंद्रीय संगठक सी एल माहेश्वरी , संजय सेन्दरे, हर्ष मेश्राम, श्याम राव ढोक ‌, महिला सशक्तिकरण संघ की प्रदेश अध्यक्ष आयुष्मति प्रज्ञा बौद्ध ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आज बाबा साहब ने हिंदू कोड बिल प्रस्तुत कर महिलाओं को पिता के संपत्ति पर अधिकार विवाह का अधिकार तलाक का अधिकार गोद लेने का अधिकार महिलाओं को पुरुषों को बराबर संवैधानिक अधिकार और संविधान के माध्यम से समस्त नागरिकों को सामाजिक आर्थिक और राजनीतिक न्याय विचार अभिव्यक्ति विश्वास धर्म और उपासना की स्वतंत्रता प्रतिष्ठा और अवसर की समानता और बंधुता यह सभी अधिकार संविधान के माध्यम से हम सबको दिए हैं। हमारा देश विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है बाबा साहब ने हमको सबसे बड़ा अधिकार वोट का अधिकार दिया है। सभा को संजय वाल बान्दरे ‌, अशोक मडामे‌‌ ने भी संबोधित किया। मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित आयुष्मान एस आर कानडे‌ बौद्ध ने बताया कि पुरे विश्व में बाबा साहब की जयंती मनाई जाती हैं। बाबा साहब अंबेडकर केवल संविधान की शिल्पकार नहीं थे बल्कि वे महामानव के साथ ही जननायक‌ भी थे उनके योगदान को राष्ट्र नहीं भूला पाएगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था के प्रमुख सी के डोंगरेजी ने की तथा संचालन आर मेश्राम एवं एस‌एल देवदास ने किया इस अवसर पर नरेंद्र डोंगरे देव डोंगरे ‌ जितेंद्र मेश्राम बी एल गोडबोले‌, संजू श्याम कुमार, अशोक मेश्राम बी डी डोंगरे पुष्पा देवदास संगीता दहाट, मीणा डोंगरे मीना नारनौरे प्रतिमा गेडाम नूतन पखीडे, उषा भौतमागे, शशि महेश्वरी, अर्चना कानडे बिंदु वैद्य, पुष्प लता भोयर, मालु दहाट , शीला गोडबोले समिता बंजारी इत्यादि लोग उपस्थित थेे।

उक्त कार्यक्रम में ‌निर्मला‌‌ गजभिए भी उपस्थित ‌थी।
अंत में आभार प्रदर्शन संस्था के महासचिव जितेंद्र मेश्राम ने किया

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