मूकनायक
महाराष्ट्र/ नागपुर
सुधाकर मेश्राम
आज का दिन हमारे जीवन में विशेष महत्त्व रखता है। क्योंकि चोबीस अक्टूबर 1946 को आज ही के दिन महामानव, विश्वरत्न, संविधान निर्माता बाबासाहेब डॉ भीमराव आंबेडकर ने सुबह सात बजे ” दा बुध्दा एंड हिज धम्म ” का लेखन शुरू किया था। आज इंसान दौड धूप के रास्तों पर खुशी से जीने की चाहत रखता है और इनसानियत का खजाना भरा ग्रंथ साथ मे रखना चाहता है तो व है” बुद्धा एंड हिज धम्म” । इस अवसर मूकनायक परिवार के सुधाकर मेश्राम नागपुर ने जानकारी देते हुए बताया कि बाबा साहब ने एक सपना देखा था भारत को बौद्धमय बनाने का लेकिन हम बाबा साहब के अधूरे सपने पता नहीं कब पूरा कर पाएंगे। उन्होंने आगे जानकारी देते हो बताया कि हमें बाबा साहब का लिखा हुआ ग्रंथ दा बुद्धा एंड हिज धम्म को पढ़ें और अपने जीवन में धम्म को ग्रहण करें और बाबा साहब के मिशन को सफल बनाने में ओर बाबा साहब के सपनों का भारत बनाने में अपना योगदान प्रदान करें।इस अवसर पर” मूकनायक ” को कोटि कोटि नमन । नमो बुद्धाय जय भीम जय संविधान जय भारत।
लेखक, एक्टिविस्ट ,स्वतंत्र पत्रकार:
सुधाकर मेश्राम, मूकनायक परिवार, नागपूर.