मूकनायक
महाराष्ट्र/नागपूर
सुधाकर मेश्राम
बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के पिता सूबेदार रामजी मालोजी सकपाळ का जन्म 14 नवंबर 1838 मे पुणे मे हुआ था। आज समस्त भारत देश में एक सौ छियानवे (196) जन्मदिन के अवसर पर मूकनायक कोटि-कोटि प्रणाम प्रणाम करता है। सूबेदार रामजी सकपाळ एक महान योद्धा थे, उन्होंने कई लड़ाइयां लड़ी और अफगानिस्तान के युद्ध मे भाग लिया था । ब्रिटिश सरकार ने उनके अंदर की खूबियां जानने के बाद, उनको पुणे मे शिक्षक का ट्रेनिंग दिया गया । रामजी का भीमराव पर पूरा ध्यान था भीमराव चौदहवें रत्न थे। रामजी सकपाल ने मुख्याध्यापक पद पर कार्य किया और (1894 ) को नोकरी से सेवानिवृत्ति हुये। कुछ वक्त दापोली मे गुजारने के बाद,भीमराव के शिक्षण के लिए सातारा गये थे। रामजी पर संत तुकाराम महाराज और संत कबीर के बिचारो का प्रभाव था। रामजी शिष्यप्रिय थे मुंबई आने के बाद भीमराव के पढाई पर विशेष ध्यान दिया। बडोदा के सयाजीराव गायकवाड ने भीमराव के पढाई के लिए स्कॉलरशिप दिया था। बडोदा जाना था लेकिन रामजी को पंसद नही था क्योंकि वहा पर जातीयता थी। भीमराव बडोदा जाने के बाद बीमार रहे। बिमारी का समाचार मिलते ही भीमराव रामजी को मिलने आये,बाप बेटे की आखरी मुलाकात थी ,रामजी ने बडे हर्ष के साथ भीमराव को देखा और 2 फरवरी 1913 को इस दुनया को छोड दिया। *महान थे रामजी*
….बनाया किताब प्रेमी भीमजी हम सब कैसे भूल सकते है ऐसे पिता को…मूकनायक परीवार उनके जन्म दिन पर कोटी कोटी प्रणाम करता है जय भीम जय संविधान।
लेखक : सुधाकर मेश्राम ,जिला ब्यूरो चीफ ,नागपुर मूकनायक