Monday, December 23, 2024
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सेवा स्तंभ ने मनाया संविधान दिवस समारोह

मूकनायक/ हरियाणा/

रेवाड़ी/ राय सिंह

— सेवा स्तंभ के जिला कार्यालय डॉ बी.आर .अम्बेडकर पार्क एवं लायब्रेरी,मॉडल टाऊन रेवाड़ी में सेवा स्तंभ की ओर से संविधान दिवस मनाया गया । कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला प्रधान भगतसिंह सांभरिया ने की। सर्वप्रथम बाबा साहेब के चित्र के समक्ष कैंडल प्रज्वलित कर पुष्प अर्पित किए गए। आर.के. बलवारिया ने बुद्ध वंदना व राजकुमार जलवा ने संविधान की प्रस्तावना की शपथ दिलाई ।कार्यक्रम में मुख्य अतिथि भीष्मदत्त अधिवक्ता हाई कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट दिल्ली,मुख्य वक्ता फॉर्मर बीईओ राजकुमार जलवा , विशिष्ट अतिथि कृष्णा सहरावत रिटायर्ड अंडर सेक्रेटरी उपस्थित रहे। मंच संचालन महासचिव आर.पी सिंह दहिया ने किया। सभी वक्ताओं ने अपने ,विचार व्यक्त करते हुए बताया कि बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर ने भारतीय संविधान के तहत सभी धर्मो व वर्गों को उचित प्रतिनिधित्व दिया । नारियों को विशेष सम्मान दिलाने में भारतीय संविधान का विशेष योगदान है ।संविधान 26 नवंबर 1949 में पूरी तरह तैयार हो चुका था लेकिन दो महीने इंतजार करने के बाद इसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया था।भारत का संविधान देश के हर नागरिक को आजाद भारत में रहने का समान अधिकार देता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य देश के युवाओं के बीच में संविधान के मूल्यों को बढ़ावा देना जागरूकता फैलाना है। भारत का संविधान बनाने में डॉ. बी आर अंबेडकर की अहम भूमिका रही है। 26 नवंबर को राष्ट्रीय कानून दिवस के रूप में भी जाना जाता है।
26 नवंबर को पहले कानून दिवस के तौर पर मनाया जाता था ,इसकी वजह ये थी कि 1930 में कांग्रेस लाहौर सम्मेलन में पूर्ण स्वराज की माँग की प्रतिज्ञा को पास किया गया था, इसी घटना की याद में कानून दिवस मनाया जाता था।उसके बाद सामाजिक न्याय मंत्रालय ने 19 नवंबर 2015 को भारत सरकार द्वारा यह फैसला लिया गया कि 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाएगा ।सविंधान के बारे में लोगों के बीच जागरूकता फैलाने और संवैधानिक मूल्यों के बारे में बताने और प्रचार करने का फैसला लिया गया था।
संविधान बनने में 2 वर्ष, 11 माह 18 दिन लगे थे और यह 26 नवंबर, 1949 को पूरा हुआ था। 26 जनवरी, 1950 को भारत गणराज्य का यह संविधान लागू हुआ था ।
देश में रहने वाले सभी धर्म के लोगों के बीच एकता, समानता बनी रहे इसलिए सविंधान को बनाया गया ताकि सभी लोगों को बिना किसी भेदभाव के उनका अधिकार मिले। भारत के संविधान में प्रस्तावना (preamble) लिखी गई है जिसे भारतीय संविधान का परिचय पत्र कहा जाता है. इस प्रस्तावना में भारत के सभी नागरिकों के लिए न्याय, स्वतंत्रता, समानता को सुरक्षित करती है और लोगों के बीच भाई चारे को बढावा देती है ।आज के कार्यक्रम इनके अलावा आर.पी .सिंह दहिया, दशरथ चौहान,मोनिका मेहरा,लक्ष्मीबाई लिसाना, अजीत सिंह, सुखराम रिटायर्ड प्राचार्य, सूबे सिंह रेवड़ियां, आर.के. बलवारिया डॉ सत्यपाल चौपड़ा, बलराम मावल,नरेंद्र मेहरा, कैप्टन बलबीर सिंह,बाबूलाल आजाद, रामनिवास ख़टावली, बलवंत माखरिया,मुकेश तेजपाल मुंढलिया ,कैलाश कवाँली , धर्मबीर,संदीप,रामजस रसूली,हुकम सिंह
आदि काफी संख्या में साथी उपस्थित रहे।

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