मूकनायक
देश
राष्ट्रीय प्रभारी ओमप्रकाश वर्मा
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संघर्ष मानव जीवन का एक अपरिहार्य पड़ाव है । वास्तव में संघर्ष के साये में ही उज्जवल भविष्य के निर्माण का फल निहित है । संघर्षों से डरकर भागने वाला या संघर्ष के जोखिम से राह बदलने वाला व्यक्ति कभी भी समाज का प्रेरक नहीं हो सकता क्योंकि समाज को प्रेरणा वही व्यक्ति दे सकता है जिसका निर्माण संघर्षों के साये में हुआ हो ।
इस दुनिया में ऐसा कोई इंसान नहीं है जिसके जीवन में संघर्ष ना हुआ हो । जीवन में विकट परिस्थितियों का सामना किये बिना यदि कुछ हासिल हो भी जाता है तो उस उपलब्धि का कोई महत्व नहीं होता । जीवन जब संघर्षों से गुजर रहा हो तो उसका आनंद लेना ही हितकारी है क्योंकि आज के संघर्ष से ही हमारे सुखमय जीवन के उज्जवल भविष्य का निर्माण होता है।
लेखक
बिरदीचंद गोठवाल, नारनौल
प्रदेश प्रभारी मूकनायक, हरियाणा