मूकनायक /देश
राष्ट्रीय प्रभारी ओमप्रकाश वर्मा
गीता पढ़कर बाइबल पढ़ली,
पढ़ ली कलम कुरान।
रामायण पढ़ महाभारत पढ़ली,
पढ़ लिए वेद पुराण।।
अल्लाह ईश्वर सब पढ़ लिए,
पठन सिकंदर यूनान।
हिटलर मुसोलिनी को पढ़ा,
फिर पढ़ा अशोक महान।।
सर्व धर्म ग्रंथ गौण हो गए,
पढ़ने को मिला जातक।
बौद्धित्व का बोध हुआ तब,
शिक्षा के खुले फाटक।।
बौद्ध धर्म का आविर्भाव हुआ,
तुच्छ लगा संसार।
विश्व अहिंसा मय हो गया,
सैनिक भूले हथियार।।
तक्षशिला नालंदा बने,
विद्या के बौद्ध विहार।
बौद्ध संगतिया शुरू हो गई,
ज्ञान का हुआ प्रसार।।
लेखक
आशाराम मीणा
उप प्रबंधक भारतीय स्टेट बैंक।
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जय भारत।
जय संविधान।
जोहार प्रकृति।