मूकनायक राजस्थान अजमेर तहसील सरवाड़ उमेश बैरवा कोटड़ी
एक छोटे से गाँव में एक व्यक्ति रहता था जिसका नाम रोहन था। रोहन एक अच्छा इंसान था, लेकिन वह अपने गाँव की स्थिति से बहुत परेशान था।
गाँव में गरीबी और बेरोजगारी बहुत अधिक थी। लोगों के पास पर्याप्त पैसे नहीं थे, और वे अपने परिवारों का पालन-पोषण करने में असमर्थ थे।
रोहन ने सोचा कि वह अपने गाँव की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए कुछ कर सकता है। उसने अपने गाँव के लोगों से बात की और उन्हें समझाया कि अगर वे एक साथ मिलकर काम करें, तो वे अपने गाँव की स्थिति को बेहतर बना सकते हैं।
रोहन ने अपने गाँव के लोगों के साथ मिलकर एक योजना बनाई। उन्होंने अपने गाँव में एक सामुदायिक केंद्र बनाने का फैसला किया, जहां लोग एक साथ मिलकर काम कर सकते थे और अपने कौशलों को विकसित कर सकते थे।
रोहन और उसके साथी लोगों ने मिलकर काम किया और जल्द ही उनका सामुदायिक केंद्र तैयार हो गया। उन्होंने अपने केंद्र में विभिन्न प्रकार के कौशलों को सिखाने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए, जैसे कि कृषि, हस्तशिल्प, और स्वास्थ्य सेवाएं।
जल्द ही, रोहन के गाँव की स्थिति में सुधार होने लगा। लोगों के पास रोजगार के अवसर बढ़ गए, और वे अपने परिवारों का पालन-पोषण करने में सक्षम हो गए।
रोहन के गाँव की स्थिति में सुधार की खबरें जल्द ही पूरे क्षेत्र में फैल गईं। लोगों ने रोहन के गाँव को एक मॉडल गाँव के रूप में देखना शुरू किया, और उन्होंने अपने गाँवों में भी इसी तरह के सामुदायिक केंद्रों की स्थापना करनी शुरू की।
रोहन की कहानी से हमें यह सीखने को मिलता है कि अगर हम एक साथ मिलकर काम करें, तो हम अपने समाज की स्थिति को बेहतर बना सकते हैं। हमें अपने आसपास के लोगों के साथ मिलकर काम करना चाहिए और अपने समाज को बेहतर बनाने के लिए काम करना चाहिए।
रामदयाल बैरवा शेरगढ़
उप कौषाध्यक्ष अखिल भारतीय बैरवा महासभा जिला शाखा अजमेर केकड़ी ब्यावर राजस्थान
9929868128