मूकनायक /देश
राष्ट्रीय प्रभारी ओमप्रकाश वर्मा
अभियान केवल बैंक कर्मियों का आंदोलन नहीं है, यह तो देश की आम जनता का आंदोलन है। देश के सार्वजनिक क्षेत्र को निजी हाथों में सौंपने के सरकार के इरादों को रोकने व सही निर्णय लेने के लिए अपनी आवाज शीर्ष स्तर तक पहुंचाने का प्रयास है।
“यह निर्विवाद सत्य है कि ‘निजीकरण’ व्यवस्था नहीं बल्कि पुनः ‘रियासतीकरण’ है।” लाभ और मुनाफे की विशुद्ध वैचारिक सोच देश के हितों के विरुद्ध है।
जरा कल्पना कीजिए जब सारे सरकारी संस्थान निजी हाथों में होंगे तो क्या होगा? जब सार्वजनिक बैंक निजी हाथों में होंगे, बैंकों के NPA के लिए जिम्मेवार घराने जब बैंकों के मालिक बन जाएंगे तो सस्ती व ग्रामीण बैंकिंग सेवाओं का क्या होगा? बस कल्पना मात्र कीजिए, सचाई आपके सामने आ जाएगी।
अत: आप सभी से अनुरोध है कि इस अभियान को जन आंदोलन बनाए, अपने फेसबुक, व्हाट्सएप और अन्य माध्यमों से अपने साथियों, रिश्तेदारों, ग्राहकों व समाज के हर वर्ग में सार्थक चर्चा का विषय बनाए और सार्वजनिक क्षेत्र को सशक्त बनाने का मार्ग प्रशस्त करें। अपने इस अभियान से हम सरकार को विभिन्न पहलुओं पर गंभीर चिंतन व मनन के लिए अलग ढंग से सोचने के लिए प्रेरित कर सकते हैं और यह भी सुनिश्चित कर सकते हैं कि आने वाली पीढ़ी के अंधकारमय भविष्य के दोष के भागीदार हम और आप नहीं है।
लेखक:✍️
आशाराम मीणा ,उप प्रबंधक भारतीय स्टेट बैंक कोटा राजस्थान।
📘जय भारत
,जय सविधान,जय विज्ञान📘