मूकनायक
देश
राष्ट्रीय प्रभारी ओमप्रकाश वर्मा
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अच्छे इंसानों में एक बुराई होती है कि वो सबको अच्छा समझ लेते हैं। दुनियाँ में रोता वही है, जिसने सच्चे रिश्तों को निभाया और महसूस किया हो, वरना मतलब का रिश्ता रखने वाले लोगों की आंखों में ना शर्म होती है और ना ही पानी । रिश्तों में बात तो “संस्कार” और “आदर” की होती है, नहीं तो जो इंसान “सुन सकता” है, वो “सुना भी सकता” है।
ठीक उसी तरह खामोशी भी किसी इंसान की कमज़ोरी नहीं, बल्कि उसका बड़प्पन होता है, वरना जिसको सहना आता है, उसको कहना भी आता है । किसी का सरल स्वभाव उसकी कमजोरी नहीं बल्कि उसके अंदर के संस्कार होते हैं । अगर आप किसी का “अपमान” कर रहे हैं, तो वास्तव में आप अपना ही “सम्मान” खो रहे हैं ।
लेखक
बिरदीचंद गोठवाल, नारनौल
प्रदेश प्रभारी मूकनायक, हरियाणा