Sunday, December 22, 2024
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संसद में संविधान रचयिता पर टिप्पणी से आक्रोश देशवासी, विश्व एवं भारत रत्न डॉ. अंबेडकर के प्रति अभद्र टिप्पणी के विरोध में हुए भारी रोष प्रदर्शन, गृहमंत्री अमित शाह के इस्तीफा की मांग करते हुए विरोध में लगे नारे भाजपा का दलित विरोधी चेहरा हुआ उजागर


मूकनायक (समाचार संपादक)
नई दिल्ली, विमल वर्मा

भारत में एक नए युग का आरम्भ करने वाले महा मानव, असंख्य सामाजिक बुराईयों को मिटाने वाले, मानव सभ्यता और भारत विकास को नए आयाम देने वाले, महिलाओं के मुक्तिदाता, दलितों के उद्धारक, विश्व में ज्ञान के प्रतीक, महान क्रांतिकारी, विश्व रत्न, भारत रत्न, संविधान रचयिता, हरदिल अज़ीज़ साक्षात मसीहा डॉ. भीमराव अम्बेडकर के लिए संवैधानिक राष्ट्रीय गौरवशाली पद पर आसीन भारत के ग्रह मंत्री अमित शाह द्वारा संसद में अभद्र टिप्पणी किए जाने से ऐसा जनाक्रोश फैल गया कि देश व प्रदेश के अलग अलग क्षेत्रों में लाखों अनुयायियों ने घोर निंदा व्यक्त की और सड़क पर उतर गृह मंत्री व भाजपा सरकार के खिलाफ जम कर नारेबाजी की गई। बाबा साहेब डॉ. अम्बेडकर के अनुयायी ही नही अनेकों राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टी के नेताओं ने इसकी भारी भ्रत्सर्ना की है। हांलांकि भाजपा व संघ के कट्टर विचारधारा वाले लोग ग्रह मंत्री सहित अपनी सफाई में यही कह रहे हैं कि उनके कथन को तोड़ मरोड़ कर पेश किया जा रहा है। बावजूद इसके देश में भारी आक्रोश है और तमाम बुद्धिजीवी व भारतीय नागरिकों ने भाजपा व कांग्रेस को घोर दलित विरोधी बताते हुए अपना आक्रोश प्रकट किया है। देश भर में बढ़ते जनाक्रोश से भाजपा को राजनीतिक नुकसान का भय सताने लगा है और इसी के चलते भाजपा के नेताओं ने विपक्ष को दलित विरोधी सिद्ध करने के प्रयास तेज करते हुए जनता का आक्रोश कम करने का प्रयास भी जारी रखा हुआ है। बता दें कि देश में भाजपा की सरकार को ईवीएम मशीन से वोट चोरी करने के आरोप से छुटकारा नही मिला है और ऐसे में अमित शाह के विवादित बयान ने देश में भाजपा विरोधी लहर को हवा दे डाली है। अमित शाह या भाजपा अब चाहें कितनी ही सफाई दे जनाक्रोश कम होने का नाम नही ले रहा है। संभवत : दिल्ली के विधान सभा चुनाव में भाजपा को इसका सीधा असर देखने व भुगतने को मिल सकता है। हरियाणा सहित देश की राजधानी दिल्ली में विभिन्न बहुजन समाज के संगठनों ने गृहमंत्री अमित शाह को तत्काल प्रभाव से पद मुक्त करने की मांग करते हुए अलग अलग क्षेत्रों में पुतले फूंक कर विरोध जताते हुए राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री आदि को ज्ञापन सौंपे हैं। इसी क्रम में जिला गुड़गांव, झज्जर, मेवात, पलवल, रेवाड़ी, महेन्द्रगढ़, नारनौल, रोहतक, हिसार, करनाल, कुरुक्षेत्र, अंबाला, फरीदाबाद, दिल्ली के रोहिणी, बादली, बवाना, नरेला, पानीपत, सोनीपत, बुराड़ी, किराड़ी, नांगलोई, नजफगढ़, शाहदरा व गाजियाबाद आदि में रोष प्रदर्शन का सिलसिला जारी है और देश में बहुत भारी रोष व्याप्त है। गृह मंत्री अमित शाह को तुरंत हटाए जाने व माफी मांगने की मांग करते हुए बाबा साहब के अनुयायियों ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर संज्ञान लेने के लिए भारी संख्या में ज्ञापन दिए हैं। डॉ. भीमराव अम्बेडकर के प्रति अभद्र व अवांछनीय टिप्पणी से देश भर में दलित नेताओं की चुप्पी पर भी बहुजन समाज गुस्से में है। इस संबंध में हमारे संवाददाता से रूबरू हुए जनाक्रोश प्रकट कर रहे डॉ. श्याम लाल ने कहा कि भाजपा का दलित विरोधी विरोधी चेहरा उजागर हो गया है। वरिष्ठ अधिवक्ता राहुल वर्मा ने कहा कि संसद में देश के ग्रह मंत्री को अपने हरेक शब्द को सोच विचार कर रखना चाहिए खास कर संविधान रचयिता के लिए उनके द्वारा कही बातों के लिए उन्हें माफी मांगनी ही चाहिए। डॉ. अशोक कुमार पार्षद ने कहा कि बाबा साहब का अपमान किसी भी सूरत में बर्दास्त नही किया जा सकता है। नीलम सौलंकी ने कहा कि भाजपा व कांग्रेस आपस में लड़ने का नाटक करते हुए जनता को गुमराह करती है जबकि ये दोनों पार्टियां ही दलित विरोधी हैं। सुनील राठी ने कहा कि मनुवादी विचारधारा लागू करने की चाहत रखने वालों की वास्तविक मानसिकता उजागर हो गई है। इसी पंक्ति में सैकड़ों लोगों ने संवाददाता से बातचीत में कहा है कि गृहमंत्री द्वारा 17 दिसम्बर को राज्यसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान संविधान रचयिता डॉ.भीमराव अम्बेडकर के प्रति अभद्र व अवांछनीय टिप्पणी भाजपा को सत्ता से उखाड़ फेंकने का काम करेगी। गुरु रविदास महासभा के प्रधान बलबीर सिंह बेरवाल की अध्यक्षता में रविदास मंदिर में बैठक कर रोष प्रकट किया गया।वी.एम. आजाद ने रिठाला विधान सभा क्षेत्र के विभिन्न क्षेत्रों में अखिल भारतीय दलित रक्षा मंच के साथ मिलकर विरोध प्रदर्शन किया और गृहमंत्री को पद से हटाने व देश से माफी मांगने की मांग की है। नारनौल में उक्त रविदास सभा के महासचिव रमेश कुमार, सर्व अ.जा संघर्ष समिति के प्रधान चन्दन सिंह जालवान, अखिल भारतीय आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के उपाध्यक्ष लालाराम नाहर, समिति के महासचिव एवं कबीर सामाजिक उत्थान संस्था दिल्ली के प्रमुख सलाहकार बिरदी चंद गोठवाल, हरियाणा प्रदेश चमार महासभा के प्रदेश लेखा सचिव रामकुमार ढै़णवाल, कबीर सामाजिक उत्थान संस्था दिल्ली के प्यारेलाल चवन, भारतीय सामाजिक परिवर्तन संघ के सुमेर सिंह गोठवाल, उपाध्यक्ष बाबूलाल नारनोलिया आदि ने संयुक्त बयान में कहा कि भारतवर्ष के संसदीय इतिहास में पहली दफा देश के गृहमन्त्री अमित शाह द्वारा बाबा साहेब डॉ0 भीमराव अम्बेडकर के नाम पर की गई अभद्र एवं अवांछनीय टिप्पणी “अब यह फैशन हो गया …अम्बेडकर.. अम्बेडकर.. अम्बेडकर.. अम्बेडकर.. अम्बेडकर.. अम्बेडकर ..अम्बेडकर । यदि इतने नाम भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।” यह कथन माननीय गृहमन्त्री की निकृष्ट मानसिकता को दर्शाता है जबकि बाबा साहेब डॉ0 भीमराव अम्बेडकर उच्च कोटि के विद्वान, विधिवेता, समाजशास्त्री, राजनीतिज्ञ, अर्थशास्त्री और मानवीय एकता, समानता व समरसता के हितैषी थे। उनके द्वारा लिखित संविधान संसार भर में अद्वितीय है। सारी दुनिया बाबा साहेब द्वारा रचित संविधान को श्रद्धापूर्वक नमन करती है और उनकी असामान्य प्रतिभा का लोहा मानती है। इसी कड़ी में विभिन्न संगठनों ने युग पुरूष बाबा साहेब पर किए गए अभद्र, व्यंग्यात्मक वक्तव्य की घोर भर्त्सना करते हुए मांग की हैं कि गृहमंत्री को पद से हटाया जाए, ग्रह मंत्री देश से सार्वजनिक माफी मांगे, बाबा साहेब की संसद में उनकी मूर्ति पुर्नस्थापित की जाए। इस अवसर पर डॉ.अम्बेडकर के खिलाफ अपमानित टिप्पणी के खिलाफ दिल्ली के विजय विहार नागरिक विकास परिषद, लोकतंत्र सेवा मंच, असल भारतीय डेमोक्रेसी रक्षा मंच, ए.बी.डी.आर.एम आदि ने क्षेत्र में पद यात्रा निकाल कर ग्रह मंत्री के विरुद्ध जम कर नारेबाजी की इसी तरह गुड़गांव में विरोध प्रदर्शन के लिए देश की हुंकार आंदोलन प्रात : 11 बजे सोहना चौक गुड़गांव से जिला न्यायालय तक प्रदर्शन के रूप किया गया। बहुजन समाज पार्टी के कार्यकर्ता भी भारी संख्या में सड़कों पर उतरे। भीम आर्मी, भीम सेना आदि संगठन भी आक्रोश व्यक्त करने में पीछे नही रहे। समस्त एस.सी,एसटी, ओबीसी, बहुजन, अल्प संख्यक मूलनिवासी समाज ने अपने अपने क्षेत्रों में रोष प्रदर्शन व पद यात्राएं निकाली और ज्ञापन सौंप कर ग्रह मंत्री का त्याग पत्र मांगा है। इस मौके पर डॉ. श्यामलाल, जगबीर फूलिया, एडवोकेट राहुल कुमार, बिरधीचंद गोठबाल, भीम सिंह, सुखबीर तंवर, पर्ल चौधरी, जंग बहादुर सिंह, सतीस कुमार, योगेश कुमार, सत्यवीर सिंह, राजकुमार, विश्वास कुमार, वीर सिंह नेहरा, विजय खटाना, पवन सैनी, मोहन सैनी, अशोक काजल, सुखबीर सिंह तंवर, अमित यादव, राजेश कुमार, रोशनलाल, सतीस कुमार साहसी, भोपाल सिंह, रहमत अली, सलीम खान, सोनू खान, डॉ. अशोक कुमार, समय सिंह, डॉ. विनोद, मास्टर हरिओम, प्रोफेसर रमन सिंह, इंजि. दिनेश कुमार, इंजि. विनोद कुमार पूर्व सरपंच, सरपंच पति सहीराम, धर्मेन्द्र खटाना, कॉमरेड सतबीर सिंह, जंगबहादुर सिंह आर्य, अशोक काजल, सुप्रसिद्ध नेता प्रताप कदम, महेन्द्र जांगड़ा, सुखबीर सिंह तंवर, अनिल तंवर, मुकेश बाल्मीकि, बिजेन्द्र डीका, सोनू बाल्मीकि, नवीन कुमार, संदीप टांक, प्रदीप कुमार, पंकज लुहार, राजकुमार प्रजापति, राज यादव, अशोक शौकीन, सतपाल चौधरी, राजेन्द्र सिरोहा, सुभाष चन्द्र पूर्व सरपंच, पंडित रमेश कुमार, मोहन सैनी आदि सैकड़ों गणमान्य लोगों ने भारी संख्या में अपने संगठन व दल बल सहित रोष प्रदर्शन किया।

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