मूकनायक /राजस्थान /ब्यावर
तहसील मसूदा भोजराज बैरवा कानपुरा
दिनांक 02.01.2025 को ग्राम पंचायत चान्दमा में ग्राम विकास के दौरान ग्राम में बैरवा बस्ती में सी.सी. सड़क निर्माण कार्य चल रहा था और मौके पर आसपास मौहल्ले के लगभग 30-40 लोग उपस्थित थे। सी.सी. रोड़ निर्माण कार्य से लगभग 50 फीट दूरी पर नन्दराम जांगिड़ पुत्र खेमाराम जाति जांगिड़ खड़े थे। हृदयाघात (हार्ट अटैक) आने के कारण अचानक उनकी तबीयत खराब हो गई। वहीं आसपास खड़े लोग उन्हें अस्पताल लेकर गये किन्तु अस्पताल में ही उनकी मौत हो गई। ग्राम चान्दमा निवासी सुनील जांगिड़ पुत्र जीवराज, जीवराज पुत्र रामलाल जांगिड़, घीसालाल पुत्र मदन जांगिड़, हरिसिंह पुत्र डूंगर सिंह, रामचन्द्र पुत्र श्रवण गुर्जर, सुरजकरण जाट पुत्र मिश्री लाल, श्रीपाल जांगिड़ सभी लोगों ने मिलकर आपसी साजिश रचकर व झूठी कहानी बनाकर अनुसूचित जाति होने के कारण बैरवा समाज के लोगों को मृतक नन्दराम जांगिड़ की झूठी हत्या के आरोप में फंसाने लिए बैरवा समाज के रतन लाल चमार पुत्र सोनाथ (अध्यापक) मुकेश कुमार बैरवा पुत्र रतन लाल,कानाराम बैरवा पुत्र छगनाराम, शैतान बैरवा पुत्र जीवणराम, नौरत बैरवा पुत्र ओंकार और बैरवा समाज के अन्य लोगों के खिलाफ थाना सराना में झूठी हत्या की रिपोर्ट दिनांक 02.01. 2025 को दी जिसके कारण थाना सराना अजमेर थानाधिकारी और थाना स्टाफ द्वारा गैर कानूनी तरीके से कार्यवाही करते हुए मुझे (रतन लाल चमार पुत्र सोनाथ (अध्यापक)) ग्राम पंचायत चान्दमा में ग्राम पंचायत जन सुनवाई में मेरी ड्यूटी लगी थी इसी दौरान थाना सराना पुलिस की गाड़ी द्वारा जिसमें चार पुलिस कर्मी मौजूद थे जिन्होनें मुझे गाड़ी में बैठाकर थाना सराना लेकर चले गये और साथ में मुकेश बैरवा, कानाराम बैरवा, शैतान बैरवा, नौरत बैरवा निवासी ग्राम चान्दमा को पुलिस लॉकर में बन्द कर दिया और कहा कि तुम्हारे खिलाफ नन्दाराम जांगिड़ की हत्या की रिपोर्ट आई है हम सभी ने श्रीमान् थानाधिकारी जी व अन्य स्टाफ के लोगों से निवेदन किया कि हमने किसी की हत्या नहीं की है।
2. नन्दाराम जांगिड़ की मृत्यु हृदयाघात (हार्ट अटैक से हुई है। किन्तु थाना स्टाफ व थानाधिकारी जी ने हमारी एक भी नहीं सुनी। बल्कि थानाधिकारी व अन्य स्टाफ ने हमें धमकाया कि तुम सबको हत्या के केस में जेल जाना पड़ेगा या तो जांगिड़ समाज के लोगों के साथ 5 लाख रूपये देकर समझौता कर लो। अभी पुलिस के पट्टे पड़ेगें तो सब समझ में आ जायेगा।
हमारे द्वारा बार-बार हाथ जोड़कर निवेदन करने पर भी थानाधिकारी व पुलिस स्टाफ ने हमारी कुछ भी नहीं मानी। हम सभी लोग बहुत घबरा गये। पुलिस की धमकी के कारण मजबूर होकर हमें 5 लाख रूपये की समझौते की बात माननी पड़ी और पुलिस थाना की गाड़ी द्वारा मुझे रतनलाल चमार पुत्र सोनाथ व मुकेश बैरवा को (समझौते हेतु 5 लाख रूपये की राशि सहित) ग्राम चान्दमा ले गये। पुलिस की गाड़ी में तीन पुलिसकर्मी थे जिसमें उत्तम चन्द, सुरेन्द्र व अजय थे। हमें कहा कि ग्राम टांटोटी जा रहे हैं। पोस्टमार्टम के लिए जांगिड समाज के लोगों को समझौत के रूपये देने हैं। थानाधिकारी व पुलिस स्टाफ ने हम सभी को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया और धमकाया तथा हमारे द्वारा उपरोक्त पुलिसकर्मियों को समझौता राशि 5 लाख रूपये नगद देने के पश्चात् थाने से छोड़ा।
अतः आपसे निवेदन है कि हत्या के आरोप में झुठा फंसाने व रूपये हड़पने को लेकर व जातिगत अपमानित करने और पुलिस थाना सराना थाना अधिकारी विजय सिंह व अन्य पुलिसकर्मी द्वारा गैर कानूनी तरीके से बन्द करने व मानसिक रूप से प्रताड़ित करने व झुठे हत्या के आरोप में जेल भेजने व दबाव बनाकर समझौते के नाम पर 5 लाख रूपये लेने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर सख्त कानूनी कार्यवाही करने की मांग की। इस अवसर पर पूर्व राष्ट्रीय हरिनारायण बैरवा, प्रदेशाध्यक्ष कजोड़मल बैरवा, राष्ट्रीय मन्त्री श्यामलाल बैरवा, जयपुर जिला अध्यक्ष शान्ति स्वरूप बंशीवाल, शंकर लाल बैरवा आदि उपस्थित थे