जयंती समारोह में विभिन्न संगठनों ने सावित्रीबाई फुले को पुष्प अर्पित कर किया नमन
मूकनायक/देश राष्ट्रीय प्रभारी ओमप्रकाश वर्मा
नारनौल 03 जनवरी
महिलाओं के लिए शिक्षा की अलख जगाने वाली, कुप्रथाओं के खिलाफ संघर्ष करने वाली और देश की पहली महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले की जयंती का आयोजन सर्व अनुसूचित जाति संघर्ष समिति और गुरु रविदास महासभा के संयुक्त तत्वावधान में गुरु रविदास मंदिर में किया गया। इस अवसर पर समिति के प्रधान चन्दन सिंह जालवान व महासभा के प्रधान बलबीर सिंह बबेरवाल द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर सावित्रीबाई फुले के चित्र पर पुष्प अर्पित कर नमन करते हुए कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। जयंती समारोह का संचालन करते हुए संघर्ष समिति के महासचिव एवं कबीर सामाजिक उत्थान संस्था दिल्ली के प्रमुख सलाहकार बिरदी चंद गोठवाल ने कहा कि देश की पहली महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले ने समाज में फैली कुरुतियों, महिलाओं की शिक्षा और साक्षरता के लिए उठाए गए क्रांतिकारी कदम में सीख दी कि “आत्मसम्मान के साथ जीने के लिए पढ़ाई करो, स्कूल ही मनुष्य के लिए सच्चा रत्न है” । उन्होंने 1848 में प्रथम बालिका पाठशाला की स्थापना की। वहीं अपने अध्यक्षीय भाषण में समिति के प्रधान चन्दन सिंह जालवान ने बताया कि 03 जनवरी 1831 को महाराष्ट्र के छोटे से गांव नायगांव में जन्मी सावित्रीबाई फुले बचपन से ही बहुत जिज्ञासु और महत्वाकांक्षी थी। फुले दम्पति ने जीवनभर अस्पृश्यता, सती प्रथा, बाल विवाह और शिक्षा प्रणाली में सामाजिक भेदभाव के खिलाफ संघर्ष किया । राष्ट्र के प्रति उनके एवं फातिमा बीबी के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता ।अखिल भारतीय आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के उपाध्यक्ष लालाराम नाहर, हरियाणा चमार महासभा के प्रधान अनिल फाण्डन, पूर्व डीजीएम एवं धानक समाज के महेंद्र खन्ना, संघर्ष समिति के कोषाध्यक्ष प्यारेलाल चवन, पूर्व प्रधान हरि सिंह बड़कोदिया, भारतीय कुम्हार महासभा के राष्ट्रीय संगठन सचिव किशनलाल लुहानीवाल व साहित्यकार भूपसिंह भारती आदि ने सावित्रीबाई फुले की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि रूढ़िवादिता को अस्वीकार करने वाली सावित्रीबाई फुले ने 1890 में ज्योतिबा फुले के निधन पर उनका अंतिम संस्कार भी किया, जो कि आमतौर पर पुरुषों द्वारा किया जाता रहा है । उन्होंने आजादी के नए द्वार खोले और महिलाओं में नई चेतना पैदा की। ।
इस अवसर पर संघर्ष समिति के प्रमुख सलाहकार शिवनारायण मोरवाल, गुरु रविदास महासभा के प्रधान बलबीर सिंह बबेरवाल, प्रदेश लेखा सचिव रामकुमार ढै़णवाल, सह सचिव सुमेर सिंह गोठवाल, खण्ड प्रधान पतराम खिंची, उपाध्यक्ष राजेश चांवरिया, खण्ड सचिव हजारीलाल खटावला, पूर्व वरिष्ठ प्रबंधक जयपाल सिंह, हरिराम सिरोहा, छोटा राम भाटी, रामचंद्र गोठवाल, उपाध्यक्ष बाबूलाल नारनोलिया, पूर्व मुख्य प्रबंधक विजय सिरोहा, सुरेश नारनोलिया, अमरनाथ सिरोहा, रामचंद्र ग्रोवर, बलबीर सिंह हुडीना, शेर सिंह महारानियां आदि अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।