मूकनायक
राजस्थान /शाहपुरा
हुरड़ा राजकुमार बैरवा सनोदिया
क्या घटना के बाद मौके पर मुख्यमंत्री की उपस्थिति ही काफी है?
सिर्फ न्यायाधीश दंड ने दिखाई संवेदनशीलता।
घटना के जिम्मेदारों को ही जांच कमेटी में शामिल किया-नवनीत झालानी।
मानसरोवर से बगरू तक स्वीकृत सड़क बनाई जाए-आरएन अरविंद।
20 दिसंबर को सुबह साढ़े पांच बजे राजस्थान के जयपुर के निकट भांकरोटा में जो भीषण अग्निकांड हुआ, उसके तुरंत बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और बडे अधिकारियों ने घटनास्थल का जायजा लिया। खुद सीएम शर्मा ने कहा कि अग्निकांड के दोषी अफसरों पर कार्यवाही होगी। चूंकि अग्निकांड में 13 लोग जिंदा जल गए और बीस जने अभी भी मौत से संघर्ष कर रहे हैं, इसलिए यह माना गया कि सरकार गंभीरता के साथ काम करेगी, लेकिन घटना वाले नेशनल हाईवे पर यातायात में कोई बदलाव नहीं हुआ। चालीस से भी ज्यादा जले हुए वाहनों को हटाने के बाद जब हाईवे का ट्रैफिक चालू किया गया तो भांकरोटा में इस कट को भी यथावत रखा गया, जिसके कारण बीस दिसंबर को अग्नि कांड हुआ था। यह सही है कि भांकरोटा में यदि इस कट को बंद कर दिया जाए तो फिर रिंग रोड पर जाने के लिए वाहनों को जयपुर में 200 फीट बाईपास चौराहे से यूटर्न लेना पड़ेगा। चूंकि इस चौराहे पर हमेशा जाम की स्थिति रहती है, इसलिए भांकरोटा वाले कट को बनाए रखना मजबूरी है। इस कट की मजबूरी इसलिए है क्योंकि जयपुर की ओर तीन फ्लाई ओवर ब्रिज काम काम पिछले तीन वर्ष से अधूरा पड़ा है। उम्मीद थी कि अग्निकांड के बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सभी विभागों की उच्च स्तरीय बैठक लेकर अधूरे फ्लाई ओवर ब्रिज के कार्यों को जल्द पूरा करवाएंगे। लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि घटना के बाद मौके पर अपनी उपस्थिति दर्ज करवाकर सीएम शर्मा ने जिम्मेदारी निभा दी। 21 दिसंबर को सीएम शर्मा ने सरकारी आवास से ही वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अन्य मुद्दों पर कलेक्टरों और अधिकारियों से संवाद किया। वही पीडब्ल्यूडी के प्रभार वाली उपमुख्यमंत्री दीया कुमार जैसलमेर में आयोजित जीएसटी काउंसिल की बैठक में उपस्थित रहीं। शेष मंत्री और अधिकारी भी अपने अपने काम में व्यस्त हो गए, जबकि वहीं जिन लोगों की मौत हुई उनके परिजन की आंखों से आंसू टपक रहे हैं। जिन परिवारों के परिजन लापता है वे जली हुई कार से डीएनए टेस्ट कराने की पीड़ा भोग रहे हैं।
जिम्मेदार ही जांच कमेटी में:
बगरू उद्योग मित्र के समन्वयक नवनीत झालानी ने आरोप लगाया है कि अग्निकांड के बाद सरकार ने जो जांच कमेटी बनाई है उसमें अग्नि कांड के जिम्मेदार विभागों के अधिकारियों को ही शामिल किया गया है। झालानी का कहना रहा है कि नेशनल हाईवे की परियोजनाओं में प्रभावशाली नेताओं के रिश्तेदार नियुक्त है, ऐसे रिश्तेदारों के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं होती है, इसलिए तीन फ्लाई ओवरों के निर्माण में विलंब हो रहा है। नेशनल हाईवे से लेकर पुलिस परिवहन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत है, इसलिए हाईवे के डिवाइडर पर जगह जगह कट लगाए गए हैं। झालानी ने मांग की हकै कि संबंधित विभागों के इंजीनियरों और अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाए।
न्यायाधीश दंड ने दिखाई संवेदना:
घटना के अगले दिन ही मुख्यमंत्री से लेकर अधिकारी तक संवेदनहीन हो गए हो, लेकिन जयपुर स्थित हाईकोर्ट के न्यायाधीश अनूप कुमार दंड ने पूरी संवदेना दिखाई। दंड ने स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लेते हुए सरकार को नोटिस जारी किए हैं। न्यायाधीश दंड ने कहा है कि अग्निकांड के दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही क्यों न हो। न्यायाधीश दंड ने जो संवेदनशीलता दिखाई है उसमें उम्मीद की जानी चाहिए कि भविष्य में ऐसे अग्निकांडों में रोक लगेगी तथा मृतकों के परिजन को न्याय मिलेगा।
वैकल्पिक मार्ग का निर्माण हो:
आईएएस रहते हुए प्रदेश के चार जिलों के कलेक्टर रहे आरएन अरविंद ने बताया कि अजमेर मार्ग पर बगरू से जयपुर तक के यातायात के दबाव को देखते हुए जयपुर विकास प्राधिकरण ने जयपुर के मानसरोवर से लेकर बगरू तक वैकल्पिक मार्ग स्वीकृत कर रखा है। यह मार्ग पत्रकार कॉलोनी, ओमेगा सिटी से होते हुए निकलेगा। इस मार्ग के लिए जमीन भी खाली पड़ी है। यदि जेडीए इस वैकल्पिक मार्ग का निर्माण करवा देता है तो 20 दिसंबर को भांकरोटा में भीषण अग्निकांड नहीं होता। अरविंद ने कहा कि उन अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही होनी चाहिए कि वैकल्पिक मार्ग की फाइल को दबाकर बैठे हैं।